Achhoot Kyon Kaun Aur Kaise(Hindi, Paperback, unknown)
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भारतरत्न डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर जीवनपर्यंत शोषितों-वंचितों के उत्थान और उन्नयन के लिए कृत-संकल्पित रहे। उनके चिंतन में सदैव इनके कल्याण का भाव रहता था। उसी क्रम में उन्होंने अनेक लेख-पुस्तकें लिखीं, जो उनके इस सुचिंतित मंतव्य की परिचायक हैं। प्रस्तुत पुस्तक 'अछूत' इसी चिंतन का सुपरिणाम है।अछूत कौन हैं और अस्पृश्यता की उत्पत्ति क्या है ? ये मुख्य विषय हैं, जिनकी जाँच करने का प्रयास किया गया है और जिनके निष्कर्ष इस पुस्तक में प्रस्तुत किए गए हैं। इस जाँच को शुरू करने से पहले कुछ प्रारंभिक प्रश्नों पर विचार करना आवश्यक है। पहला प्रश्न यह है-क्या हिंदू ही दुनिया में अकेले ऐसे लोग हैं, जो अस्पृश्यता का पालन करते हैं ? दूसरा प्रश्न यह है- यदि अस्पृश्यता गैर-हिंदुओं द्वारा भी मानी जाती है, तो हिंदुओं के बीच प्रचलित अस्पृश्यता की तुलना गैर-हिंदुओं की अस्पृश्यता से कैसे की जा सकती है ? इस विषय पर अब तक किए गए अध्ययनों में यह तुलना शायद ही की गई है। छुआछूत उन्मूलन और समाज में पारस्परिकता की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण पुस्तक, जो हर भारतीय के चिंतन को दिशा देकर सामाजिक समरसता विकसित करने का पथ-प्रशस्त करेगी।