Adab Mein Baaeen Pasli : Bhartiyetar Urdu Kahaniyan : Vol. 6(Hindi, Hardcover, Tr., Ed. Nasira Sharma)
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उर्दू वाले कहानियों को सीमा में नहीं बाँधते हैं, वह हर उस कहानी को उर्दू की समझते हैं जो उर्दू में लिखी गई हो, चाहे लेखक कहीं का हो। हिंदुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले, और बाहर के मुल्कों में बसने वाले उर्दू अदीब जिनकी मूल धरती हिंदुस्तान रही है चाहे उन्होंने विश्व के किसी कोने में बैठकर कहानी लिखी हो, यहाँ तक कि पाकिस्तानी भी जहाँ का हर बड़ा कहानीकार आज के भारत में पैदा हुआ था और कल के भारत के हिस्से में बैठकर लिख रहा है। इनकी जड़ें हिंदुस्तान में गहरे धँसी हुई हैं।इन कहानियों में 'अपनी ज़मीन की हुड़क’ तो है और इसीलिए इन कहानियों में छोड़े हुए वतन की यादें घुमड़ती नज़र आती हैं। इसके बावजूद अब वहाँ जिस तरह की जि़ंदगी वह गुज़ार रहे हैं यदि उनसे पूछा जाए कि वह भारत या पाकिस्तान लौटना चाहेंगे तो वह शायद इंकार कर दें, जबकि वहाँ सभी लेखक लगभग दो बार या इससे भी ज़्यादा एक जगह से दूसरी जगह जा चुके हैं। पहली महाजरत, सियासत के चलते बँटवारे के कारण भारत से पाकिस्तान की ओर कूच के रूप में, दूसरे आर्थिक कारणों से पाकिस्तान से अन्य देशों की ओर, फिर एक देश से दूसरे देश में रोज़ी-रोटी की तलाश में भटकन। जब पैरों के नीचे ठोस ज़मीन आई और संघर्ष से राहत मिली तो अपनों की याद आई।कुछ लेखकों को छोड़कर बाकी लेखकों की कहानियाँ हिंदी में पहली बार इस संकलन में छप रही हैं।