Bharatiya Shiksha Vyavastha Ka Bhavishya Hindi Translation of Future Of The Indian Education System(Paperback, Dr. Narendra Jadhav)
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देश में व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षण व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत महसूस की जा रही है। बारहवीं योजना (2017) के अंतर्गत एक महत्त्वाकांक्षी कौशल विकास मिशन को लॉञ्च किया गया, जिसमें करीब 5 करोड़ युवाओं को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया। कौशल विकास मिशन अब तक अमूमन सरकार के जरिए ही चलाए जाते रहे थे, जो बाजार की माँग से अपेक्षित जुड़ाव नहीं रखते थे।कौशल को माँग के अनुरूप करने की दिशा में विशेष प्रयास करने की जरूरत है, जिसमें नियोक्ताओं और उपक्रमों को एक महत्त्वपूर्ण भूमिका दी जाए, ताकि बाजार की जरूरत के मुताबिक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जा सकें और उनको लागू किया जा सके। साथ ही उसमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) का प्रबंधन और शिक्षकों का विकास भी शामिल हो। एक ऐसा ढाँचा तैयार करने की जरूरत है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के जरिए व्यावसायिक प्रशिक्षण में निजी निवेश को भी बढ़ावा दिया जा सके।अपेक्षित निवेश को गतिशील करने, उन्नत श्रेणी के आई.टी.आई. स्थापित करने, संचालन एवं प्रबंधन में योग्यता स्थापित करने और प्रशिक्षण उपरांत नियुक्ति निजी क्षेत्र इकाइयों की आदर्श प्राथमिक जिम्मेदारियाँ होनी चाहिए, जबकि सरकार को इन सबके उचित संचालन के लिए अपेक्षित ढाँचा तैयार करने और एस.सी., एस.टी., अल्पसंख्यकों एवं दिव्यांगों और समाज के अन्य पिछड़े वर्गों को वित्तीय सहयोग प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।