Dr. Babasaheb Ambedkar Bharatiya Gantantra Ko Sakar Karnewala Mahamanav Hindi Translation of Baba Saheb Ambedkar And The Indian Constitution(Paperback, Dr. Narendra Jadhav)
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यह पुस्तक भारत के एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बनने की यात्रा का वर्णन करती है, जिसमें लगभग दो सौ वर्षों के औपनिवेशिक शासन से बाहर निकलने की कहानी है।यह संविधान निर्माण की पूरी प्रक्रिया का विश्लेषण करती है, जिसमें 1919 का मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार, 1927 की साइमन कमीशन, 1928 की नेहरू रिपोर्ट, 1930 का गोलमेज सम्मेलन, भारत सरकार अधिनियम 1935, क्रिप्स मिशन, कैबिनेट मिशन, संविधान सभा के गठन और आखिर में संविधान का निर्माण जैसे महत्त्वपूर्ण पड़ाव शामिल हैं।सामान्य धारणा के विपरीत, वे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू या सरदार पटेल नहीं थे, जिन्होंने इस जटिल प्रक्रिया में व्यापक और निर्णायक भूमिका निभाई, बल्कि एकमात्र डॉ. भीमराव आंबेडकर ही थे, जिन्होंने इसका नेतृत्व किया।पुस्तक के भाग। और ।। में एक विद्वान् और सुधारक के रूप में, डॉ. आंबेडकर की भूमिका, उनकी ओर से उदार गणतंत्रवाद के सिद्धांतों के पालन और संविधान के विकसित होने की चर्चा की गई है।भाग III में भारत में संविधान से संबंधित सुधारों की दो समानांतर प्रक्रियाओं की विवेचना की गई है-एक ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू की गई और दूसरी भारतीय नेताओं द्वारा, जिनमें डॉ. आंबेडकर प्रमुख थे। इन दोनों प्रक्रियाओं में कभी-कभी मतभेद और टकराव भी हुए, पर अंत में तालमेल हो गया, जैसा कि भाग IV में दिखाया गया है; और परिणाम भारत के मजबूत संविधान की रचना और उदय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में इसके उदय के रूप में सामने आया।इसलिए भारत के गणराज्य को स्वरूप देने का विशिष्ट सम्मान सही मायने में डॉ आंबेडकर को ही दिया जाना चाहिए।