Ek Boond Sahasa Uchhali(Hindi, Paperback, unknown) | Zipri.in
Ek Boond Sahasa Uchhali(Hindi, Paperback, unknown)

Ek Boond Sahasa Uchhali(Hindi, Paperback, unknown)

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एक बूँद सहसा उछली - एक बूँद सहसा उछली पुस्तक में अज्ञेय की यात्राओं का समुद्रपारीय संसार है। यह सारे यूरोप का एक भव्य और भीतरी यात्रावृत्त है लेकिन यह यात्रा भूगोल की जानकारी भर नहीं है बल्कि अज्ञेय के अनुसार यह यात्रावृत्त उन सभी स्थानों के प्रभाव और संवेदना का आकलन है जहाँ भी वे गये। पुस्तक के प्रति पाठक की भी ऐसी दृष्टि निर्मित हो जाती है कि वह देश में नहीं, काल में भी यात्रा करता है। लेखक, जो स्थान, क़िस्से, संस्मरण और यात्राओं के प्रभाव व अनुभव पाठक के सामने लाता है उसका सांस्कृतिक अर्थ और महत्त्व दोनों ही हैं। सागर में एक बूँद का सहसा उछलना और सूरज की रोशनी में रंग जाना, इस पुस्तक का यही परिदृश्य है और यह परिदृश्य विराटता का निर्माण करता है।