Elex Zendar Kanigham Bharat Ka Prachin Bhugol ---- Bauddh Kaal The Ancient Of India (भारत का प्राचीन भूगोल --- बौद्घ काल)(Paperback, Anuvadak : Tara Ram, Prakathan : Dr. Rajendra Prasad Singh)
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भारत का प्राचीन भूगोल ( बौद्ध काल ) एलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा लिखित पुस्तक " The Ancient Geography of India" का मुकम्मल, विश्वसनीय तथा प्रमाणिक अनुवाद। भारत के प्राचीन ग्रंथ, चाहे वे वेद, उपनिषद हो, या जैनों और बौद्धों के आगम ग्रंथ हो। इन सब में भारत के भौगोलिक और मानवीय भूगोल का उल्लेख मिलता है, परंतु भारत के प्राचीन भूगोल का सिलसोलेवार वर्णन किसी ग्रंथ में नहीं मिलता है। इस कमी को कई विद्वानों ने अपने श्रम साध्य प्रयत्नों से पाटने की कोशिश की है, जिनमें स्वनाम धन्य मेजर जनरल सर कन्निंघम का नाम सर्व प्रमुख लोगों में शुमार है। प्रस्तुत पुस्तक उनके अगाध ज्ञान और विलक्षण प्रतिभा की जीती जागती तस्वीर है। उनकी यह कृति कई मामलों में अद्वितीय है, जिसे हर किसी भारतीय को पढ़ना चाहिए, जो भारत के प्राचीन गौरव के भूगोल से रूबरू होना चाहता है। यह महत्वपूर्ण है कि ईसवी पूर्व में चौथी शताब्दी में सिकन्दर के आक्रमण एवं ईसा के पश्चात सातवीं शताब्दी में चीनी तीर्थयात्री ह्वेनसांग की यात्राओं का विवरण भारत के प्राचीन इतिहास और प्राचीन भूगोल की जानकारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्राचीन भारत के बारे में भारत की सीमाओं से बाहर लिखे गए इतिहास पर नजर डालते हैं, तो हमें पता चलता है कि इस दिशा में सबसे पहला प्रयास यूनानी लेखकों का है। इनमें सबसे अधिक उल्लेखनीय हेरोडोटस, नियारकस, मेगस्थनीज, प्लुयर्क, एरियन, स्ट्रैबो, ज्य टॉलेमी आदि प्रमुख हैं।