Geeta Press, Gorakhpur Geeta Gyan Praveshika (Book Code-464)(), Hindi, GEETAPRESS, GORAKHPUR)
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गीता-ज्ञान-प्रवेशिका (कोड-464), गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो विशेष रूप से गीता अध्ययन के आरंभिक चरण के लिए तैयार की गई है। यह पुस्तक ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज द्वारा प्रणीत है और गीता के विषय में गहन समझ प्रदान करने के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है।पुस्तक की विशेषताएँ:लेखक: स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराजपृष्ठ संख्या: 288 पृष्ठभाषा: हिंदीप्रकाशक: गीता प्रेस, गोरखपुरपुस्तक की सामग्री:इस पुस्तक में निम्नलिखित विषयों का समावेश किया गया है:गीता के संबंध में ज्ञातव्य बातें: गीता के महत्व और इसके अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।गीता-पाठ की विधियाँ: गीता के पाठ के सही तरीके और विधियों का वर्णन किया गया है।गीता के प्रधान और सूक्ष्म विषय: गीता के मुख्य और गूढ़ विषयों की व्याख्या की गई है।गीता अभ्यास की कला: गीता के नियमित अभ्यास के महत्व और तरीकों पर चर्चा की गई है।गीता (मूल) तथा गीता की अनुक्रमणिका: गीता के मूल श्लोकों और उनकी अनुक्रमणिका का समावेश है।