Hindutva Ka Madhu(Paperback, Hridaynarayan Dixit) | Zipri.in
Hindutva Ka Madhu(Paperback, Hridaynarayan Dixit)

Hindutva Ka Madhu(Paperback, Hridaynarayan Dixit)

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हिन्दुत्व भारत की प्रकृति है और संस्कृति भी। यह भारत के लोगों की जीवनशैली है। इस जीवनशैली में सभी विश्वासों के प्रति आदरभाव है, लेकिन भारतीय राजनीति के आख्यान में हिन्दुत्व के अनेक चेहरे हैं। उग्र हिन्दुत्व, मुलायम (सॉफ्ट) हिन्दुत्व, साम्प्रदायिक हिन्दुत्व आदि अनेक विशेषण मूल हिन्दुत्व पर आक्रामक हैं। अंग्रेज़ी भाषान्तर में हिन्दुत्व को हिन्दुइज़्म कहा जाता है। 'इज़्म' विचार होता है। विचार 'वाद' होता है। वाद का प्रतिवाद भी एक विचार होता है। पूँजीवाद 'कैपिटलिज़्म' है। समाजवाद 'सोशलिज़्म' है। इसी तरह वैज्ञानिक समाजवाद 'कम्युनिज़्म' है। अंग्रेज़ी का 'हिन्दुइज़्म' भी हिन्दूवाद का अर्थ देता है, लेकिन हिन्दुत्व 'हिन्दूवाद' नहीं है। हिन्दुत्व समग्र मानवीय अनुभूति है। वीर होना 'वीरवाद' नहीं होता, वीर होने का भाव वीरता है। दयावान होना 'दयावाद' नहीं दयालुता है। हिन्दू होना हिन्दुता या हिन्दुत्व है। कुछ विद्वान हिन्दू को मुसलमानों द्वारा दिया गया शब्द मानते रहे हैं, लेकिन यह सही नहीं है। 'हिन्दू' शब्द का प्राचीनतम उल्लेख 'अवेस्ता' में है और अवेस्ता इस्लाम से सैकड़ों वर्ष पुराना है। डेरियस (522-486 ई.पू.) के शिलालेख में भी 'हिन्दू' शब्द का उल्लेख है। 'हिन्दू' शब्द विशेष संस्कृति वाले जनसमूह का द्योतक है।- इसी पुस्तक से