Kailash Satyarthi Ke Jeevan Ke Prerak Prasang(Hindi, Paperback, Sharma Shiv Kumar)
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पुरस्कारों से ऊपर भी व्यक्ति की एक छवि होती है, उल्लेखनीय प्रयास होते हैं, अनगिनत सराहनीय उपलब्धियाँ होती हैं। बाल अधिकार कार्यकर्ता के रूप में नोबेल पुरस्कृत कैलाश सत्यार्थीजी की उपलब्धियों पर न जाने कितना कुछ लिखा जा चुका है; लेकिन जब हम उनके जीवन को गहराई से देखेंगे तो पाएंगे कि वे जितने जुझारू बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं, उतने ही संवेदनशील और भावुक व्यक्ति भी हैं । उनके जीवन में बचपन से ही इतने रंग, इतने कलेवर दिखते हैं, जो अविश्वसनीय लगते हैं लेकिन सत्य हैं और किसी के लिए भी प्रेरणा के स्रोत हो सकते हैं।मशीनीकरण के इस युग में हम इनसान मशीनों के हाथ की कठपुतलियाँ बनते जा रहे हैं। मानवीय संवेदनाएँ गौण होती जा रही हैं। हमारे अंदर मशीन ने इतनी घुसपैठ कर ली है कि हम खुद मशीन बनते जा रहे हैं | संवेदनाए, करुणा, अपनत्व जैसे गुण इनसान को मशीनों से अलग करते हैं । हमें इनकी बड़ी जरूरत है। सत्यार्थीजी के जीवन के कुछ चुनिंदा प्रसंगों से तैयार यह पुस्तक पाठकों को मानवीय मूल्यों और करुणा के भाव से भर देगी।छोटी-छोटी घटनाओं को पिरोकर प्रेरक प्रसंगों की एक पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करने के पीछे उद्देश्य एक ऐसी नर्सरी तैयार करना है, जहाँ समाज को सँवारने वाले भविष्य के कई कैलाश सत्यार्थी तैयार हो सकें ।