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Likhni Hai Nayi Kahani (Hindi) + Kranti (Hindi) By Acharya Prashnat(Paperback, Hindi, Acharya Prashant) | Zipri.in
Likhni Hai Nayi Kahani (Hindi) + Kranti (Hindi) By Acharya Prashnat(Paperback, Hindi, Acharya Prashant)

Likhni Hai Nayi Kahani (Hindi) + Kranti (Hindi) By Acharya Prashnat(Paperback, Hindi, Acharya Prashant)

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जीवनपर्यंत मन किसी नए की तलाश में रहता है। उस तलाश को वो अक्सर ही किसी नए अनुभव, घर, गाड़ी इत्यादि से पूरी करने की अभिलाषा करता है।नए की तलाश मन को अक्सर ही एक आशा में बाँध देती है कि यदि बाहर की स्थितियाँ बदल जाएँ तो भीतर की बेचैनी भी मिट जाएगी।आचार्य प्रशांत छात्रों के साथ हुए संवादों के माध्यम से समझाते हैं कि मन की बेचैनी और ऊब बाहरी बदलावों से नहीं बल्कि भीतर से आत्मस्थ होकर जाती हैं।आत्मस्थ होना ही एक नए जीवन,एक नई कहानी की नींव है। भगत सिंह ने पूरे देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया क्योंकि अकेले-अकेले आज़ादी तो वैसे भी नहीं मिलने की। ये वास्तव में कोई सामाजिक या राजनैतिक पहल नहीं थी। जिस उम्र में हम अपने-आपको, बहुत लोग, दुधमुँहा बच्चा ही समझते हैं, उस उम्र में वो चढ़ गए फाँसी पर। और ये कोई किशोरावस्था का साधारण उद्वेग नहीं था। भगत सिंह का ज्ञान गहरा था। दुनियाभर के तमाम साहित्य का अध्ययन किया था उन्होंने। खूब जानते थे, समझते थे।किसी बहके हुए युवा की नारेबाज़ी नहीं थी भगत सिंह की क्रांति में; गहरा बोध था। और वो बोध, मैं कह रहा हूँ, मूलतः आध्यात्मिक ही था।