Maharana Sanga(Hindi, Paperback, unknown) | Zipri.in
Maharana Sanga(Hindi, Paperback, unknown)

Maharana Sanga(Hindi, Paperback, unknown)

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महाराणा कुंभा के बाद महाराणा संग्राम सिंह सबसे प्रसिद्ध महाराणा थे | उन्होंने अपनी शक्ति के बल पर मेवाड़ साम्राज्य का विस्तार किया और उसके अंतर्गत राजपूताना के सभी राजाओं को संगठित किया | राणा रायमल की मृत्यु के बाद 1509 में राणा साँगा मेवाड़ के महाराणा बने और उन्होंने 1509 से 1528 तक मेवाड़ में शासन किया । राणा साँगा सही मायनों में एक वीर योद्धा व शासक थे, जो अपनी वीरता और उदारता के लिए प्रसिद्ध हुए |उन्होंने दिल्‍ली, जुजरात, मालवा तथा मुगल बादशाहों के आक्रमणों से अपने साम्राज्य की रक्षा की | उस समय के वे सबसे शक्तिशाली राजा थे फरवरी 1527 ई. में खानवा के युद्ध से पूर्व बयाना के युद्ध में राणा साँगा ने मुगल शासक बाबर की सेना को परास्त कर बयाना का किला जीता | राणा साँगा के शासनकाल में मेवाड़ अपनी समृद्धि के शिखर पर था। एक धर्मपरायण राजा के तरह उन्होंने अपने राज्य की रक्षा तथा उन्नति की |राणा साँगा इतने वीर थे कि एक भ्रुजा, एक आँख, एक टॉँग खोने व अनगिनत घावों के बावजूद उन्होंने अपना महान्‌ पराक्रम नहीं खोया | खानवा की लड़ाई में राणाजी को लगभग 80 घाव लगे थे | कहा जाता है कि साँगा ने 100 लड़ाइयाँ लड़ीं । 30 जनवरी, 1528 को राणा साँगा को उनके अपने ही सरदार ने जहर देकर मार डाला | यह प्रेरक जीवनी महाराणा साँगा के यशस्वी जीवन का जयघोष करती है |