Marathi Ki Lokpriya Kahaniyan(Hindi, Hardcover, Khadse Damodar)
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समय की धारा में बहते व्यक्ति, समाज तथा देश से उठती लहरें, ध्वनियाँ हर काल में रचनाकारों को स्पंदित करती रही हैं। समसामयिक परिवर्तनों, चुनौतियों, दृश्यों, क्रियाओं-प्रतिक्रियाओं की प्रतिध्वनियों को कहानियों में सुना जा सकता है। मराठी कहानियाँ भी अपने समय के साथ आगे बढ़ती रही हैं। सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक चेतना और परिवर्तनों को साहित्य अपने में समेटता चलता है। इन्हीं प्रभावों से कहानी का पर्यावरण बनता है। उसके संदर्भ, स्वरूप और सरोकारों से जीवन विषयक अनुभूतियों का अनुभव किया जा सकता है। भूमंडलीकरण व व्यापार से मनुष्य-व्यवहार तक प्रभावित हो रहा है। दुनिया एक गाँव के रूप में तब्दील हो रही है। आकाश से ही सारा कारोबार, व्यापार, बाजार, लेन-देन है। देश, समाज, भाषा, प्रदेश, जाति, समुदाय से ऊपर उठकर नए मनुष्य की कल्पना समय कर रहा है। पर उसकी सोच उसके अस्तित्व के साथ अनायास ही उभरती है। अंतरराष्ट्रीय मनुष्य के जीवन में कुछ घटनाएँ ऐसी घटती हैं कि वह कहीं नहीं रह पाता।‘मराठी की लोकप्रिय कहानियाँ’ में हर शैली, विशेषता, विशेष-परंपरा की कहानी को समेटने की कोशिश की गई है। हर कथाकार की अपनी एक शैली और खूबी होती है। प्रयास रहा है कि प्रातिनिधिक रूप में विविधता की छटा इस संग्रह से परिलक्षित हो। मराठी कथा-संसार का फलक इतना विस्तृत है कि बहुत कुछ छूट ही जाता है; इसलिए एक अधूरापन अनुभव होता रहता है। फिर भी, अधिकांश महत्त्वपूर्ण कथाकार शामिल हुए हैं। ये विशिष्ट भी हैं और लोकप्रिय भी।