Munshi Premchand Sahitya : Nirmala + Godan : मुंशी प्रेमचंद साहित्य : (निर्मला) + (गोदान) (Set Of 2 Books)(Paperback, Hindi, MUNSHI PREMCHAND)
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भारतीय साहित्य जगत को कभी भी प्रेमचन्द के बगैर मुक्कमल नहीं किया जा सकता। प्रेमचन्द आम जन के लेखक हैं, इस बात की पुष्टि उनकी लेखन शैली तथा विषयक चुनाव में हुई है। प्रेमचन्द ने अपने दौर की सभी समस्याओं पर लिखा है। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्या, महिलाओं की समस्या उनके विषय के केन्द्र बिन्दु रहे हैं। जहाँ एक ओर ‘गोदान’ उपन्यास किसानों की समस्याओं को उजागर करता है, वहीं ‘निर्मला’ उपन्यास महिलाओं की दयनीय स्थिति का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करता है। भाषायी सरलता व विषय की सटिकता प्रेमचन्द की कलम की महत्त्वपूर्ण विशेषता रही है।