Pratigya(Paperback, Premchand)
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प्रेमचंद का उपन्यास प्रतिज्ञा भारतीय समाज की गहराई में छिपे नैतिकता, सुधारवाद और स्त्री-उत्थान जैसे विषयों पर आधारित है। इस कहानी के मुख्य पात्र अमृतराय और पूर्णा हैं। अमृतराय एक आदर्शवादी युवक है जो समाज में व्याप्त रूढ़िवादी धारणाओं और परंपराओं के खिलाफ हैं। वे विधवा पुनर्विवाह जैसे सुधारवादी विचारों के पक्षधर हैं और समाज में इन विचारों को फैलाकर सामाजिक बदलाव लाना चाहता है। पूर्णा एक विधवा महिला है जो समाज की कठोर और अमानवीय परंपराओं के खिलाफ अपने स्वाभिमान और गरिमा को बनाए रखते हुए संघर्ष करती है। उपन्यास के अन्य पात्र जैसे सुशीला और माँ अन्नपूर्णा समाज के विभिन्न दृष्टिकोणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रेमचंद ने इस उपन्यास के माध्यम से भारतीय समाज में व्याप्त रूढ़ियों और सामाजिक अन्याय को चुनौती दी है। यह कहानी न केवल एक भावनात्मक यात्रा है बल्कि समाज को बदलने के लिए व्यक्तिगत प्रयासों और साहस की प्रेरणा भी देती है।