Premchand : Swadhinta Sambandhi Kahaniyan(Hardcover, Edited by Ravindra Kalia, Jitendra Shrivastav) | Zipri.in
Premchand : Swadhinta Sambandhi Kahaniyan(Hardcover, Edited by Ravindra Kalia, Jitendra Shrivastav)

Premchand : Swadhinta Sambandhi Kahaniyan(Hardcover, Edited by Ravindra Kalia, Jitendra Shrivastav)

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प्रेमचन्द : स्वाधीनता सम्बन्धी कहानियाँ -प्रेमचन्द अपने लेखन के माध्यम से स्वाधीनता संग्राम के एक प्रतिबद्ध सिपाही के रूप में उपस्थित होते हैं। उनका सारा लेखन किसी न किसी रूप में मुक्ति-आन्दोलन से जुड़ा हुआ है।स्वाधीनता-प्राप्ति प्रेमचन्द के लेखन मात्र का नहीं, जीवन का उद्देश्य था। उनके साहित्य का अधिकांश स्वाधीनता आन्दोलन के बाह्य और आन्तरिक पक्षों का विश्लेषण करता है। आज की आलोचनात्मक भाषा में कहें तो स्वाधीनता विमर्श प्रेमचन्द के लेखन का बीज-तत्त्व है।स्वाधीनता आन्दोलन का चित्रण करते हुए उन्होंने अपनी कहानियों में उन विसंगतियों पर प्रहार किया है, जो भारतीय राष्ट्रवाद को संकीर्ण बना रही थीं। उनके इस आन्दोलन सम्बन्धी चित्रण में हर जगह उनकी कला का उदात्त रूप स्पष्ट दिखाई देता है।प्रेमचन्द ने अपनी इन कहानियों में स्वाधीनता आन्दोलन का मार्मिक चित्रण तो किया ही है, साथ ही 'स्वाधीनता' शब्द को व्यापक अर्थ भी प्रदान किया है। उन्होंने स्वाधीनता का वही अर्थ नहीं लिया जो अर्थ उस दौर में ढेर सारे तथाकथित राष्ट्रवादी ले रहे थे ।स्वाधीनता आन्दोलन सम्बन्धी कहानी लेखन के क्षेत्र में प्रेमचन्द के अध्येता पाठकों के लिए एक पठनीय एवं संग्रहणीय कृति ।