Rag Darbari(Paperback, Hindi, Shrilal Shukla) | Zipri.in
Rag Darbari(Paperback, Hindi, Shrilal Shukla)

Rag Darbari(Paperback, Hindi, Shrilal Shukla)

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"राग दरबारी" श्रीलाल शुक्ल द्वारा लिखित एक व्यंग्यात्मक उपन्यास है, जो भारतीय ग्रामीण समाज की राजनीति, भ्रष्टाचार और नैतिक पतन को उजागर करता है। यह कहानी शिवपालगंज नामक काल्पनिक गाँव में घटित होती है, जिसे रघुनाथ नामक शोध छात्र की दृष्टि से देखा गया है। उपन्यास में सत्ता, शिक्षा और सामाजिक व्यवस्था के पाखंड को तीखे व्यंग्य के साथ प्रस्तुत किया गया है। वैद्यजी जैसे पात्र राजनीति और परंपरा के गठजोड़ का प्रतीक हैं। श्रीलाल शुक्ल की भाषा शैली सहज, चुटीली और अत्यंत प्रभावशाली है। 1968 में प्रकाशित इस कृति को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और यह आधुनिक हिंदी साहित्य की मील का पत्थर मानी जाती है।