Ramayana Indian Mythology, History & Folktales A Timeless Story of Courage, Honor, And Sacrifice Book in Hindi(Hindi, Paperback, Baam Shankar)
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हमारे पुराने ग्रंथों के अनुसार भगवान् विष्णु के दस अवतार माने गए हैं। इन दस अवतारों में श्रीराम और कृष्ण प्रधान गिने जाते हैं। राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि महान, श्रेष्ठ और उत्तम पुरुष में जिन गुणों का होना जरूरी है, वे सभी गुण श्रीराममचंद्रजी में थे। मनुष्य में गुण भी होते हैं और दोष भी। भगवान् को छोड़कर ऐसा कोई नहीं है जिसमें कुछ-न-कुछ दोष न निकले।मनुष्य के चरित्र की विशेषता और गौरव उसकी अपूर्णता में ही है। पूर्ण केवल ईश्वर होता है। भगवान् जब मनुष्य के रूप में धरती पर अवतार लेते हैं तो उन्हें हर प्रकार से मनुष्य के अनुरूप ही दिखना चाहिए। इस विशेषता की पूर्णरूप से रक्षा यदि भगवान् के किसी अवतार में हुई है, तो वह रामावतार में।