Sanatan Parampara Ka Mahaparva Mahakumbh(Paperback, Dr. Pradeep Kumar Rao) | Zipri.in
Sanatan Parampara Ka Mahaparva Mahakumbh(Paperback, Dr. Pradeep Kumar Rao)

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महाकुंभ-2025 में अब तक लगभग 44 करोड़ श्रद्धालुओं की पावन डुबकी के साथ 50 करोड़ की संख्या पार करने के अद्यतन अनुमान ने इस महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन सिद्ध कर दिया है। योगी आदित्यनाथजी महाराज की तपस्यारत योजनाओं, स्वच्छता, सुरक्षा, तकनीक और सुव्यवस्था के कारण महाकुंभ-2025 हमेशा याद किया जाएगा। दिव्य-नव्य-भव्य महाकुंभ सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक बना है, किंतु महाकुंभ- 2025 जितना अपनी दिव्यता भव्यता एवं सुव्यवस्था के लिए याद किया जाएगा, उत्तना ही उत्तर प्रदेश के यशस्वी तपस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी महाराज के रुँधे गले और उनके आँसुओं के कारण भी याद किया जाएगा। मौनी अमावस्या के अमृत-स्नान पर क्षण भर के लिए घटित उस अनहोनी रूपी विष को पीते हुए जब इस संन्यासी योगी के आँसुओं की दुनिया साक्षी बनी।दुनिया देख रही थी कि राष्ट्र-समाज और विश्व को सनातन संस्कृति का अमृत-पान कराने में तपस्यारत एक संन्यासी-योगी दिन-रात एक किए हुए था, एक-एक श्रद्धालु की सुविधा की चिंता कर रहा था, संभवतः किंचित् षड्यंत्रों और श्रद्धालुओं की असावधानी से मुख्य अमृत स्नान पर घटित एक अनहोनी से उस संन्यासी-योगी को वह गरल पीना पड़ा, जो समुद्रमंथन की तरह अनायास निकल आया था और भगवान् शिव की तरह लोककल्याणार्थ पीना ही था। यद्यपि सनातन परंपरा के वाहक किसी भी सनातनी ने उसे अनहोनी ही माना और पूज्य योगी आदित्यनाथजी महाराज के आँसुओं को अमृत-बूंद मानकर उसे प्रसाद-स्वरूप ग्रहण कर लिया।