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Sankrit Kaljayi Amar Granth Combo Of 11 Titles-Raghuvansh By Kalidas+Mrichhakatik By Shudarak+Panchatantra By Vishnu Sharma+Valmiki Ramayan By Valmiki+Hitopdesh By Pandit Naryan+Kautilya Arthshastra By Chanakya+ Swapnavasavadatta By Bhas+Uttarraamcharit By Bhavbhuti+Dashkumarcharit By Dandi+Kumarsam | Zipri.in
Sankrit Kaljayi Amar Granth Combo Of 11 Titles-Raghuvansh By Kalidas+Mrichhakatik By Shudarak+Panchatantra By Vishnu Sharma+Valmiki Ramayan By Valmiki+Hitopdesh By Pandit Naryan+Kautilya Arthshastra By Chanakya+ Swapnavasavadatta By Bhas+Uttarraamcharit By Bhavbhuti+Dashkumarcharit By Dandi+Kumarsam

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Quick Overview

Rs.1990 on FlipkartBuy
Product Price Comparison
This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.NA,NA,NA,NA,NA,NA,हितोपदेश का अर्थ है हितोपकारी उपदेश। नारायण पंडित द्वारारचित हितोपदेश की कहानियां सदाचार, राजनीती और व्यावहारिक ज्ञान से सरोबार है। पशु-पक्षियों के जीवन पर आधारित ये कहानियां स्वाभाविक लगती है क्योंकि इनमें पशु-पक्षी मनुष्यों की तरह ही बोलते है और उन्ही के सामान आचरण भी करते है। ये रोचक कहानियां हर पाठक को पसंद आएंगी,मूलत: संस्कृत में लिखे कौटिल्य अर्थशास्त्र को यहीं सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। राज्य प्रबंधन का कोई ऐसा पहलू नहीं है, जो अर्थशास्त्र में न मिलता हो। प्राचीनकाल मेँ मौर्य साम्राज्य की नीव रखने वाले चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू कौटिल्य ने उन्हें राजनीति, कूटनीति, विदेश नीति जैसे मुदूदों पर व्यावहारिक उपदेश दिए थे, ये उपदेश ही अर्थशास्त्र का मूल विषय हैं। आज़ भी पढ़ने पर यह ग्रंथ उतना ही प्रासंगिक लगता है, जितना हज़ऱरों साल पहले इसे लिखे जाने के वक्त था।,Uttaramcharit (Sanskrit Classics) (Hindi),महाकवि भास संस्कृत साहित्य के मूर्धन्य कवि हैं। उन्होंने अपने जिन तेरह नाटकों से संस्कृत साहित्य को समृद्ध किया उनमें स्वप्नवासवदत्ता और प्रतिज्ञायौगन्धरायण विशेष लोकप्रिय हैं। नाटकों की भाषा बहुत ही सरस और बोध्गम्य है। अभिनय की दृष्टि से भी भास के नाटक सर्वथा उपयुक्त हैं।