Satrah Kahaniyan(Paperback, Amrita Pritam)
Quick Overview
Product Price Comparison
सत्रह कहानियाँ - 'सत्रह कहानियाँ' संग्रह में अमृता प्रीतम द्वारा लिखित प्रेम, पीड़ा और दीवानगी की ऐसी कहानियाँ हैं जिनके किरदार जीवन को लगातार झेल रहे हैं। इन कहानियों के सभी पात्र एक विशेष मनोस्थिति में तरबतर हैं। वे कई बार कोई आवाज़ सुनते हैं लेकिन दृश्य में कोई नहीं होता। वे पात्र कई बार किसी कम्पन को भी महसूस करते हैं लेकिन उसे लफ़्ज़ों में ढाल नहीं पाते।ऐसे में कहानीकार की भावनाएँ भी पिघलकर उन पत्रों के साथ ढलने लगती हैं। कहानी हर बार किसी नये कोण से दस्तक देती है। कई बार एक टूटी-सी चीख़ की तरह। अमृता की कहानियाँ बहती हुई हवा के बदन पर लिखी जाती हैं जो वक़्त से बेगानी हो जाती है। हवा के साथ बहते, सिसकते और ज्वलन्त पलों को वे उस मनोदशा में लिखती हैं जिसमें रूहानियत और इन्सानियत अपनी पराकाष्ठा पर होती है।अमृता गहन मानवीय अनुभूति और स्त्री-पुरुष के मध्य रूहानी प्रेम की कथाएँ लिखती रही हैं। वे अपने लेखन में ऐसा समय, साहस और समृद्धि चुनती हैं जो समाज के प्रत्येक पक्ष में है लेकिन कभी दोहरे मानदण्ड रखने वाले समाज के चलन अनुसार इन्हें अपनी राह से भटका दिया जाता है तो कभी चुप्पी ग्रहण करने का दबाव बनाया जाता है।उनके कृतित्व का यह असाधारण गुण है कि जब वह कविता लिखती हैं तो अपनी अनुभूति की तरलता को ऐसा रूप देती हैं जो गद्य की तरह सहजता से हृदय में उतर जाता है। और जब वह उपन्यास या कहानी लिखती हैं तो भाषा में कविता की लय लहराने लगती है।अमृता प्रीतम की ये कहानियाँ स्त्री-पुरुष के योग-वियोग की मर्म-कथा का आईना है। इन्हें परिवार और समाज से प्रताड़ित नारी की पीड़ाओं के रूप में भी चिह्नित किया जा सकता है। इन कहानियों का विषय विराट और विस्तृत है जो चिन्तन के विविध पक्षों को उजागर करता है।