Satya Ki Khoj (Hindi Edition) By Dr. Sarvapalli Radhakrishnan(Hardcover, Hindi, Dr. Sarvapalli Radhakrishnan)
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पूर्व राष्ट्रपति डा० राधाकृष्णन् हमारे युग के एक महान् विचारक और दार्शनिक थे। भारतीय विचार-परम्परा के मूर्धन्य व्याख्याता और तत्त्व-चिन्तक के रूप में संसार के बौद्धिक क्षेत्रों में उन्हें बड़े सम्मान का स्थान प्राप्त है। उनकी पांडित्यपूर्ण रचनाओं ने आधुनिक विचार-जगत् को गहराई से प्रभावित किया है।हमारा युग कई अर्थों में मानव-इतिहास में एक अद्वितीय युग है। वैज्ञानिक आविष्कारों और मनोवैज्ञानिक खोजों ने जैसे मनुष्य के बाहर और भीतर का सब कुछ बदल डाला है। ऐसी मान्यताएं जिन्हें इतिहास की स्वीकृति प्राप्त थी, आज हमें निरर्थक-सी प्रतीत होती हैं, जबकि नये मूल्य हमारी आस्था और हमारे विश्वास को चुनौती दे रहे हैं। अपूर्व संभावनाओं से भरे इस युग को समझने के लिए एक संतुलित दृष्टि और एक सम्यक् युग-बोध की आवश्यकता है। डा० राधाकृष्णन् की रचनाएं इसी युग-बोध की प्राप्ति में हमारी सबसे बड़ी सहायक हैं। इस दृष्टि से उनकी प्रसिद्ध रचना ‘सत्य की खोज’ विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है। इस प्रेरणाप्रद ग्रंथ में डा. राधाकृष्णन् ने एक नई आस्था, एक नये विश्वास की खोज में आधुनिक मानव का पथ-निर्देशन किया है।मनुष्य विगत और वर्तमान में अब तक जिन मान्यताओं को स्वीकार करता रहा है, उन्हें विवेक और तर्क की कसौटी पर कसते हुए डा० राधाकृष्णन् ने ‘सत्य की खोज’ में प्राचीन उपनिषदों से लेकर आधुनिक दार्शनिकों तक के विचारों का अपनी प्रवाहमयी और ओजस्वी शैली में बड़े सरल ढंग से विश्लेषण और मूल्यांकन प्रस्तुत किया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि किस प्रकार प्राचीन और नवीन चिन्तन-प्रयासों के बीच से ही एक ऐसी आस्था, एक ऐसे युग-सत्य की उपलब्धि हो सकती है, जो हमारी अपूर्णताओं और अपर्याप्तताओं को दूर करने में सहायक होगी।‘सत्य की खोज’ डा० राधाकृष्णन् के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त ग्रंथ रिकवरी ऑफ फ़ेथ’ का प्रामाणिक और प्रवाहपूर्ण अनुवाद है।