Sharirik Shiksha ke Siddhant Tatha Mooladhar(Hindi, Hardcover, Dr. Suneel Dabaas, Dr. Rakesh Dabas)
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शारीरिक शिक्षा का अर्थ मनुष्य के शरीर से संबबधित शिक्षा को कहा जाता है | जिसके आधार पर मनुष्य के शरीर छमताओं , आछमताओं , शारीरिक तथा बोंद्धिक योग्यता आदि के संबन्ध मे जानकारी प्राप्त की जाती है| शारीरिक शिक्षा का वह अंग मनी जाती है जिसके अन्तर्गत मनुष्य के शरीर के द्वारा की जाने वाली विभिन्न प्रकार की क्रियाओं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है| शारीरिक शिक्षा का मुख्य कार्य मनुष्य का पूर्ण विकास करना है| शारीरिक शिशा मानवीय जीवन का एक अनिवार्य अंग माना गया है| शारीरिक शिक्षा शव्द कोई नया शब्द नहगी है| शारीरिक शिक्षा का ज्ञान मनुष्य को प्राचीन समय मे भी समझते थे जब विश्व के अन्य लोगों को इसका कुछ भी गईं नहीं था तथा वे इससे परचित नहीं थे तब भी यूनान के लोग संगीत तथा जिम्नास्टिक को मनुष्य के विकास का साधन मानते थे परन्तु वह भिन्न - भिन्न प्रकर की शारीरिक क्रियाओं मे भी भाग लेते थे ।