Shikhandi(Hindi, Hardcover, Garg Laxmi Narayan) | Zipri.in
Shikhandi(Hindi, Hardcover, Garg Laxmi Narayan)

Shikhandi(Hindi, Hardcover, Garg Laxmi Narayan)

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हिंदू संस्कृति में व्यक्ति को उसके कर्मों का फल मिलने तथा मृत्यु के बाद पुनर्जन्म होने का पुरजोर समर्थन हुआ है। किंतु कर्म-फल तथा पुनर्जन्म कब, कहाँ और किस रूप में प्राप्त होगा—जैसे प्रश्न अनुत्तरित रहे हैं। ऐसे में वेदव्यास रचित ‘महाभारत’ में काशी नरेश की कन्या अंबा का पांचाल नरेश द्रुपद के यहाँ शिखंडी के रूप में पुनर्जन्म और लिंग-परिवर्तन के उपरांत उसका गंगा-पुत्र भीष्म से प्रतिशोध की घटना अत्यंत रोचक और उल्लेखनीय है।प्रस्तुत उपन्यास ‘शिखंडी’ इसी घटना को केंद्र में रखकर लिखा गया है। इसमें द्रुपद और शिखंडी के जीवन से जुड़े ऐसे कई अनूठे प्रसंग हैं, जो पाठक को इन चर्चित घटनाओं पर नए सिरे से सोचने के लिए विवश करते हैं। उपन्यास में कथानक को गति प्रदान करने और शिखंडी, द्रुपद और पांडवों के अंतर्संबंध को दरशाने के लिए अष्टपाद नामक एक गुप्तचर एवं उसके परिवार के सदस्यों का भी समावेश इसमें किया गया है।महाभारत गं्रथ में धर्म के प्रतीक युधिष्ठिर की जुआरी रूप में नकारात्मक छवि मिलती है। प्रस्तुत उपन्यास में, विशेषकर अष्टपाद और शिखंडी के वार्त्तालाप के माध्यम से, युधिष्ठिर की इस नकारात्मक छवि को बदलकर उसे विवेकशील एवं दूरद्रष्टा के रूप में स्थापित करने का भी प्रयास किया गया है।महाभारत के एक महत्त्वपूर्ण परंतु कम परिचित पात्र ‘शिखंडी’ पर अत्यंत रोचक एवं पठनीय उपन्यास।