Sinha Bandhu(Paperback, Asha Singh)
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पुस्तक के बारे मेंकानपुर सदैव से क्रांति की जननी रही। मेस्कर घाट बिरूरत्राक इमली- डॉ. ए.वी. कॉलेज सब क्रांति के मूक दर्शक है। मैंने स्वयं पसीने से लथपथ राजकुमार जी की सायकिल से आते जाते देखा। इतना बड़ा क्रांतिकारी और इतने सरल। कभी अपने बारे में कुछ नहीं बताया, उनकी पुत्री चित्रालेखा सिन्हा मेरी सहपाठिनी थी, जब उससे पूछा- ‘क्या मैं तुम्हारे बाबा के बारे में लिखूँ? वह रो पड़ी। सबने उन्हें भुला दिया। कानपुर इस अमर क्रांतिकारी परिवार को याद दिलाने के लिए छोटा सा प्रयास किया। आजादी में स्वर्ण अवसर पर स्मरण कर श्रद्धांजलि दी। लेखक का परिचयआशा सिंह, मेरी माँ, मेरी प्रेरणा लेखिका चारूस्मिता शिक्षिका, जिन्होंने अक्षरों के सौन्दर्य का बोध कराया।उम्र वही जो देश की है। देश वयस्क हो रहा है पर ये नहीं। वही बचपन की निश्छल हंसी। जिज्ञासा से भरी बदलते माहौल में बदलते हुए। बस एक चीज नहीं बदली, देश के प्रति समर्पण। बचपन में जब कहानी सुनाने के लिए जिद करते, वे स्वतंत्रता संग्राम की, वीर सेनानियों की कहानी सुनाती।हम लोगों को स्थापित करने के बाद माँ ने कलम उठाई, जो बीज अंदर सोया था, अंकुरित होने लगा। पहला बाल उपन्यास देश विदेश में चर्चित हुआ।दूसरी रचना का विमोचन मालवीय मिशन के द्वारा हुआ। डॉ. सिताबो को पहचान मिली। उनके जीर्ण-शीर्ण मकान का नवीनीकरण किया गया। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। कहानी पर सीरियल भी बना।अब कानपुर के क्रांतिकारियों पर नयी पुस्तक है, जिन्हें भुला दिया गया था। सिन्हा बंधु को पुनः स्थापित करने के लिए रचना लिखी। विषय-सूचीप्रस्तावना....................................................................................................................................................................................9नमन देश के वीर सपूतों को..............................................................................................................................................................17क्रांतिकारी इतिहास में सिन्हा परिवार....................................................................................................................................................21कानपुर.......................................................................................................................................................................................25कराचीखाना (मार्कण्डेय भवन).............................................................................................................................................................31काकोरी काण्ड...............................................................................................................................................................................45राजकुमार सिन्हा जी का विवाह...........................................................................................................................................................63अण्डमान जेल...............................................................................................................................................................................87बटुकेश्वर दत्त..............................................................................................................................................................................93स्मृतियाँ...................................................................................................................................................................................123