Vishv Ki Sarvaadhik Sangharshsheel Mahila : Shreemati Indira Gandhi Deepchandra Nirmohi(Paperback, Hindi, Deepchandra Nirmohi) | Zipri.in
Vishv Ki Sarvaadhik Sangharshsheel Mahila : Shreemati Indira Gandhi Deepchandra Nirmohi(Paperback, Hindi, Deepchandra Nirmohi)

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हमारे लम्बे इतिहास के उतार-चढ़ाव में, दुर्भाग्य के फे रे में, स्वतंत्रता तथा गुलामी के दिनों में हमने अपनी आत्मा का हनन नहीे होने दिया। हम समझते हैं कि हमारा आदर्श मानवता क ा सार है। हम एक सौहार्दपूर्ण समाज का सृजन कर रहे हैं। एक ऐसे विश्व का सृजन कर रहे हैं जो कि तनाव मुक्त है और शान्ति जैसे महान् शिल्प की रचना में रत है। हमारे सामने ऐसे विश्व का सपना है जहाँ अशान्ति की जगह सुव्यवस्था होगी, सभी तनावों का समाधान होगा। घोर पीड़ा की परिणति शान्ति में होगी। ऐसे समाज में मनुष्य व्यापक उद्देश्यों के लिए जीता है, यही हमारी अनवरत तलाश है। द्य द्य द्य आज के मानव के पास विश्व का केवल विनाश कर देने की ही नहीं, वरन् नये सिरे से उसका निर्माण कर सकने की शक्ति मौजूद है। उसके पास विज्ञान और प्रौद्योगिकी के औजार आ गए हैं। वह सितारों तक पहुँच रहा है। इसलिए मैं हताश नहीं हूँ। क्योंकि शान्ति विश्व भर के जनसाधारण की सामूहिक कामना से विमुख नहीं हो सकती। मानव विकास को अपने होनहारपन और सामथ्र्य के चरम-बिन्दु तक पहुँचने देने के लिए शान्ति परमावश्यक है। परन्तु शान्ति की सम्भावनायें पीछे हटी हैं। नाभिकीय होड़, नाभिकीय युद्ध की सम्भावना अपने साथ उसी प्रकार लाती है जैसे बरसाती मेघ वर्षा लाते हैं। विश्व को नाभिकीय युद्ध से बचाना हमारी चिन्ता का सर्वप्रथम प्रश्न होना चााहिए। —इन्दिरा गांधी