Vyavharik Patra-Lekhan Kala(Hindi, Hardcover, Singh Braj Kishore Prasad)
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पत्र-लेखन कला पत्रों का मानव-जीवन से सीधा संबंध है। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो, जिसे जीवन में कभी पत्र लिखने की आवश्यकता न पड़ी हो। अगर किसी को पत्र लिखने का अवसर न मिला हो तो प्राप्त करने का तो अवश्य ही मौका मिला होगा। आम आदमी के बीच आज के इलेक्ट्रॉनिक साधनों के कारण पत्र भले ही अति महत्त्वपूर्ण नहीं रह गया हो, लेकिन सरकारी कार्यालयों में आज भी इसकी आवश्यकता ज्यों-की-त्यों बनी हुई है, बल्कि और बढ़ गई है।