Zindagi Gulzar Hai(Hindi, Paperback, Jiten Thakur) | Zipri.in
Zindagi Gulzar Hai(Hindi, Paperback, Jiten Thakur)

Zindagi Gulzar Hai(Hindi, Paperback, Jiten Thakur)

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About the Book-इस कथा संग्रह की कहानियों को पढ़ना एक बड़े अनुभव संसार से गुज़रने जैसा है। ये कहानियाँ जीवन के विभिन्न रंगों को समेटे हुए, समाज के सरोकारों पर व्यंग्य भी करती है और उनका जायज़ा भी लेती है। इस संग्रह की कहानियों को पढ़ना प्रिज़्म से होकर गुजरती हुई सूरज की सतरंगी किरणों से वाबस्ता होने जैसा है। इन कहानियों में हमें समय और समाज का वह अक्स दिखलाई देता है जो हमें हैरान भी करता है और बेचैन भी। इसीलिए कहा जा सकता है कि इन कहानियाँ को पढ़ना एक शांत झंझावत से गुज़रना भी है।अपना मुहावरा आप गढ़ने वाली ये कहानियाँ, तयशुदा सांचों को तोड़ती हुई, आज के मनुष्य की तमाम बेचैनियों को लिपिबद्ध करती हैं। ये ऐसी कहानियाँ हैं जो विकृत व्यवस्था और भ्रष्टतंत्र पर व्यंग्य भी करती है और हमारे लोकतंत्र के भावी खतरों के प्रति सचेत भी करती हैं। समय और समाज की गहरी पड़ताल करती हुई यह कहानियाँ पढे़ जाने की माँग करती हैं, यही इन कहानियों की विशेषता भी है और सार्थकता भी।About the Author-जितेन ठाकुर का जन्म अक्टूबर 1955 में हुआ. आपने हिन्दी में एम0ए0 व पीएच. डी. की. आपने कई उपन्यास, कथा संग्रह, व कविता संग्रह लिखे हैं |चंद सांचें चांदनी के (कविता संग्रह), दहशत गर्द (कथा संग्रह), अजनबी शहर में (कथा संग्रह), एक झूठ एक सच (कथा संग्रह), एक रात का तिलिस्म (कथा संग्रह), यादगारी कहानियाँ (कथा संग्रह), चोर दरवाजा (कथा संग्रह), शेष अवशेष (उपन्यास), उड़ान (उपन्यास), नीलधारा (उपन्यास) व चौराह (उपन्यास) उल्लेखनीय हैं| आपकी पहली कहानी 1978 में ‘सारिका’ एवं पहली कविता 1980 में 'धर्मयुग' में प्रकाशित हुई| आपने दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों द्वारा कहानियों पर ‘टैलीफिल्म’ और ‘रेडियो नाटकों’ का निर्माण किया| जर्मन, अंग्रेजी, उर्दू सहित उड़िया, मलयालम, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़ और बंगला भाषाओं में आपकी कहानियाँ अनुदित हुईं और अनुवाद प्रकाशित हुए| हिन्दी के अतिरिक्त आप डोगरी में भी लेखन में सक्रिय हैं| वर्तमान निवास देहरादून में है |