गोल-सभा (Gol Sabha)(Paperback, आचार्य चतुरसेन (Shastri Chatursen)) | Zipri.in
गोल-सभा (Gol Sabha)(Paperback, आचार्य चतुरसेन (Shastri Chatursen))

गोल-सभा (Gol Sabha)(Paperback, आचार्य चतुरसेन (Shastri Chatursen))

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These are reprint editions reprinted with the help of original book just to give the original look and feel we do not change its format and text due to which in some cases the text is not like new. किताब के बारे में: गोल सभा आचार्य चतुरसेन का एक अत्यंत विचारोत्तेजक सामाजिक.राजनीतिक उपन्यास हैए जो भारतीय लोकतंत्रए संसद प्रणाली और उसमें व्याप्त भ्रष्टाचारए अवसरवाद और नैतिक पतन पर तीखा प्रहार करता है। उपन्यास में नेताए अफसरशाही और जनता के बीच के रिश्तों को बड़े यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह राजनीति की नीतियों और चालबाजियों को उजागर करता हैए जहाँ नैतिकता की जगह स्वार्थ और पदलोलुपता हावी है। चतुरसेन अपने गहन विश्लेषण और तीखे व्यंग्य के माध्यम से पाठकों को सोचने पर विवश करते हैं कि असली जनसेवा क्या है और लोकतंत्र का वास्तविक स्वरूप कैसा होना चाहिए। लेखक के बारे में: आचार्य चतुरसेन शास्त्री (1891–1960) हिन्दी के प्रमुख उपन्यासकार थे जिनका लेखन ऐतिहासिक सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर केंद्रित रहा। उन्होंने वैशाली की नगरवधू वयं रक्षाम सोमनाथ गोली जैसे प्रसिद्ध उपन्यासों के माध्यम से भारतीय इतिहास और चरित्रों को जीवंत किया। उनकी रचनाएं केवल साहित्य नहीं बल्कि एक वैचारिक प्रेरणा हैं जो राष्ट्रीयता नारी शक्ति धर्म और मानवता को स्पर्श करती हैं। उन्होंने नाटक आत्मकथा एकांकी गद्यकाव्य और चिकित्सा जैसे विविध क्षेत्रों में भी लेखन किया। मेरी आत्मकहानी उनकी आत्मकथा है। उनका योगदान हिन्दी साहित्य और संस्कृति में गहराईए शोध और संवेदनशीलता के लिए सदैव स्मरणीय रहेगा। The Title 'गोल-सभा (Gol Sabha) written/authored/edited by आचार्य चतुरसेन (Shastri Chatursen)', published in the year 1900. The ISBN 9789372254716 is assigned to the Paperback version of this title. This book has total of pp. 173 (Pages). The publisher of this title is Gyan Publishing House. This Book is in Hindi. The subject of this book is Hindi Story. Size of the book is 13.34 x 21.59 cms.