नर्मदा: संस्कृति और इतिहास (Narmada: Sanskriti Aur Itihas)(Hardcover, Manish Mishra) | Zipri.in
नर्मदा: संस्कृति और इतिहास (Narmada: Sanskriti Aur Itihas)(Hardcover, Manish Mishra)

नर्मदा: संस्कृति और इतिहास (Narmada: Sanskriti Aur Itihas)(Hardcover, Manish Mishra)

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"नर्मदा” युगों-युगों से मानव सभ्यता, संस्कृति एवं परंपरा की प्रवाहिका रही है। सृष्टि के उत्थान और पतन की साक्षी है, इतिहास निर्मात्री है। सरकार ने नर्मदा को जीवित नदी का दर्जा दिया तो वैज्ञानिकों ने प्राचीनतम नदी के रूप में स्वीकारते हुए मध्य प्रदेश और गुजरात की "जीवन रेखा" की मान्यता दी है। प्राचीन संस्कृत ग्रंथ नर्मदा को 'शिव पुत्री' बताते हुए कहते हैं कि गंगा स्वयं अपनी पवित्रता बनाए रखने नर्मदा स्नान करने आती हैं। उत्तर और दक्षिण भारत की विभाजक रेखा होने के बाद भी नर्मदा ने समूची सनातन संस्कृति, धर्मों-संप्रदायों और पंथों को माला के मोतियों की भाँति पिरोए रखा है। प्रस्तुत ग्रंथ में नर्मदा और नर्मदाँचल के भौगोलिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप के साथ ही वन, भूगर्भीय संपदा और प्रदूषण आदि सभी आवश्यक तथ्यों को एक ही शीर्षक तले समेटने का प्रयास किया गया है। यह ग्रंथ छात्रों, शोधार्थियों, साहित्य प्रेमियों एवं नर्मदा भक्तों के साथ ही उनके लिए भी प्रासंगिक है जो विकास के नाम पर सभ्यता, संस्कृति और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।