पुरखों की सीख (Purkho ki Seekh)(Paperback, जगराम सिंह (Jagram Singh)) | Zipri.in
पुरखों की सीख (Purkho ki Seekh)(Paperback, जगराम सिंह (Jagram Singh))

पुरखों की सीख (Purkho ki Seekh)(Paperback, जगराम सिंह (Jagram Singh))

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किताब के बारे में: कोई भी राष्ट्र तभी राष्ट्र बनता है जब उसकी आधार-शिला भूमि, जन और उसकी संस्कृति पर अवस्थित होती है भूमि और जन तो समझ में आते हैं परन्तु संस्कृति को सहज एवं सरल ढंग से समझ पाना थोडा कठिन होता है यह जो संस्कृति होती है पूर्व में जो जन शब्द आया है उसके कठोर अनवरत प्रयासों की फलश्रुति होती है । यह फलश्रुति बड़े ही यत्न अर्थात निरंतर रगड़ से आती है कहा गया है कि ‘‘अतिसय रगड़ करे जो कोई, अनल प्रगट चन्दन से होई’’ इसका मतलब यह है कि जब कोई व्यक्ति प्रयास दर प्रयास करता है परिणामतः जो पगडंडी बनती है अर्थात ‘‘करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, रसरी आवत जात नित सिल पर परत निशान’’ आखिर इस सतत प्रक्रिया से जो अमृत निकलता है उसे ही संस्कृति कहते हैं यही वह अमृत यथा- भाषा, भूषा, भोजन, भजन, भवन, भ्रमण आदि रूप में सनातन काल से मन्त्र स्वरुप जो पूर्वजों से प्राप्त होता आया है इसी अमृत तत्व को ‘‘पुरखों की सीख’’, रुपी पुष्प हार में पिरोकर केवल सेवक ने अपनी राष्ट्र भक्ति की भावना को जन जन के श्री चरणों तक पहुँचने का कार्य किया है। अवश्य ही पुष्प को समस्त राष्ट्र भक्तों का शुभाशीष प्राप्त होगा। इसी विनम्रांजलि के साथ धन्यवाद, जगराम सिंह जीवन परिचय , नाम: जगराम सिंह चौहान, , पिता का नाम: स्व. श्री इंदल सिंह चौहान, माता का नाम: स्व. श्रीमती गोमती देवी शैक्षिक योग्यता: स्नातकोत्तर-अंग्रेजी, शैक्षणिक सेवा- 1988-1991 प्रवक्ता-अंग्रेजी (हायर सेकेंडरी स्कूल, मध्य प्रदेश) सामाजिक सेवा: 27 जुलाई 1992 से-आज तक (प्रचारक-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)वर्तमान दायित्व: संयोजक- उत्तर और पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र, (शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास) व्याख्यान प्रस्तुति: (1) भारत दर्शन-300 (2) हिंदुत्व-100 (3) भारतीय संस्कृति-150 (4) परिवार-500 (5) पर्यावरण -100 (6) राष्ट्र-200 (7) मातृभूमि-300 (8) भारतीय शिक्षा-150 (9) वसुधैव कुटुम्बकम-50 (10) हिन्दू जीवन शैली-200(11) भारत के युवा-450 साहित्यिक लेखन सेवा - ज्ञान बुक्स प्रकाशन दिल्ली , ENGLISH GRAMMAR : , 1-New Flow Of General English , 2- New Flow Of Spoken English , POETRY : 1-Glimpse Of Inspiration , हिंदी काव्य: (1) काव्यांजलि भोर (2) काव्यांजलि उदय (3) काव्यांजलि किरण (4) काव्यांजलि प्रभात (5) काव्यांजलि तेज , हिंदी गद्य: 1) सामाजिक क्रांति के शिल्पी (2) समरसता के भगीरथ (3) उत्सव हमारे प्राण (4) राष्ट्र के गौरव (5) सेतुबंध (6) समन्वय- लक्ष्य की ओर (7) अतीत की धरोहर (8) पुरखों की सीख (9) शिक्षा की रीति (10) विजयपथ (11) रणचंडी (12) चिनगारी (13) भारतीय विज्ञान की ऊँची उड़ान , प्रभात बुक्स प्रकाशन दिल्ली: गद्य साहित्य - (1) मां (2) हमारी प्रार्थना (3) भारत दर्शन, अर्चना बुक्स प्रकाशन भोपाल: गद्य साहित्य - (1) लोक पूजन विधि (2) संस्कार सागर (3) राष्ट्र की संजीवनी , मध्य प्रदेश ग्रन्थ अकादमी भोपाल: गद्य साहित्य- (1) शिक्षा के तीन पग, जय श्री राम अनुक्रम: आभार .......................................................................................... 5, प्रशस्ति ......................................................................................... 9, पुरखों की सीख ............................................................................ 13, 1. भारतीय संस्कृति में भाषा ............................................................ 18, 2. भारतीय संस्कृति में भूषा ............................................................. 36, 3. भारतीय संस्कृति में भोजन .......................................................... 54, 4. भारतीय संस्कृति में भजन ........................................................... 63, 5. भारतीय संस्कृति में भवन ............................................................ 73, 6. भारतीय संस्कृति में भ्रमण ........................................................... 88, 7. सिंहावलोकन ............................................................................... 99