Aadhi Duniya Ki Poori Patrakarita(Hindi, Hardcover, Anuja Mangala)
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हिंदी पत्रकारिता की मुख्यधारा मेंविविध भूमिकाओं में महिलाओं की सहभागिता स्वतंत्रता के बाद लगातार बढ़ती गई है। महिला पत्रकारिता का आरंभ महिलाओं को आदर्श माँ और आदर्श पत्नी बनाने की समझाइश भरे आलेखन के साथ हुआ। परंतु जैसे-जैसे समय बढ़ता और बदलता गया वैसे-वैसे समसामयिक संदर्भो से महिला पत्रकारिता जुड़ती गई। कोई विषय, कोई क्षेत्र उससे अछूता नहीं रहा। आज महिला पत्रकारिता उस मोड़ पर पहुँच गई है, जहाँ वह अपेक्षा करती है कि हम समाज में अपनी योग्यता, प्रतिभा, दक्षता, लगन और कृतित्व के बलबूते समान महत्त्व और अवसरों की अधिकारी हों। जरूरत इस बात की है कि महिला पत्रकारों को किन्हीं खास चौहद्दियों में न समेटकर कार्यक्षेत्र का विशाल फलक सहज उपलब्ध हो। मूल तत्त्व यह कि पत्रकारों के बीच ऐसी किसी विभाजक रेखा का कोई औचित्य नहीं होता, जिसे महिला पत्रकार अथवा पुरुष पत्रकार के रूप में चिह्नित किया जाए।महिला पत्रकारिता पर एकाग्र पहला विशद विवेचन।