Ath Shree Chouhan Kul Katha(Paperback, Shambhu P. Singh) | Zipri.in
Ath Shree Chouhan Kul Katha(Paperback, Shambhu P. Singh)

Ath Shree Chouhan Kul Katha(Paperback, Shambhu P. Singh)

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"जड़ों के तलाश की गाथा यह पुस्तक राजपूत कुल के चौहान वंशियों के इतिहास से संबंधित है। लेखक की बात शुरू होती है, अपनी जड़ों या मूल की खोज से। अपने पिता, परिवार के बुजुर्गों और अन्य सदस्यों से अपने पूर्वजों की बात सुनकर लेखक के मन में अपने पूर्वजों के इतिहास को जानने और समझने की प्रबल इच्छा जन्म लेती है। कुछ किताबों, इंटरनेट और किंवदंतियों की मदद से लेखक चौहानों के मूल स्थान राजस्थान से बिहार तक की यात्रा करता है। इस यात्रा के कई पड़ाव आते हैं। पुस्तक की शुरुआत भारत के संक्षिप्त इतिहास से होती है, जिसमें वैदिक काल से होते हुए लेखक आजतक के घटनाक्रम को सामने रखता है। चूंकि यह पुस्तक मूलतः चौहान वंशियों पर आधारित है, इसलिए चौहान वंश के मूल पुरूष वासुदेव चौहान से होती है। लेखक 7 वीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के बीच के घटनाक्रम को लेखन का आधार बनाता है। चौहान वंश के कुल नायक और भारत के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के काल का विशद वर्णन किया है। तुर्क आक्रांताओं और भारतीय राजपूत राजाओं के आपसी खींचतान को भी लेखन में शामिल किया गया है। कुल तेरह सोपानों में बंटी यह कहानी कई ऐतिहासिक ग्रंथों के सहारे पृथ्वीराज चौहान के बारे में फैली किंवदंतियों, कथाओं, अफवाहों पर से भी पर्दा उठता है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार के चौहान क्षत्रियों की ऐतिहासिक, सामाजिक स्थिति से इस पुस्तक के माध्यम से रूबरू हुआ जा सकता है। कुल तेरह चैप्टर में बंटी चौहानों की कथा ""अथ श्री चौहान कुल कथा।"""