Bhasha Sanshay Shodhan(Paperback, Kamlesh Kamal)
Quick Overview
Product Price Comparison
पुस्तक को पढ़कर कहा जा सकता है कि लेखक ने भाषाई शुद्धता संबंधी लगभग सभी पक्षों को छूने का प्रयास किया है। आशा करता हूँ, विश्वविद्यालयों, विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ सभी हिंदी प्रेमी इस पुस्तक से लाभान्वित होंगे।-गिरिधर मालवीयकुलाधिषति, काशी हिंदू विश्वविद्यालयसिविल सेवा के अभ्यर्थियों के साथ-साथ यह पुस्तक उन सभी सुधी पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जिन्हें हिंदी भाषा से स्नेह है और जो सदैव इस भाषा के विकास के लिए विचार करते हैं अथवा प्रयास करते हैं । सिविल सेवा अभ्यर्थियों में लेखन कौशल के विकास में यह अत्यधिक सहायक होगी ।-सी.बी.पी. श्रीवास्तवनिदेशक; डिस्कवरी आई. ए. एस., दिल्लीयह पुस्तक आज के दौर में भाषाई अनुशासन को कायम रखने की दिशा में अभिनव प्रयोग है। यह मीडियाकर्मियों, विद्यार्थियों, लेखकों के साथ-साथ हर हिंदीप्रेमी के लिए अच्छी मार्गदर्शिका के रूप में पठनीय है।-प्रो. संजीव भानावतपूर्व अध्यक्ष जनसंचार केंद्र,राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर,संपादक; “कम्युनिकेशन टुडेयह पुस्तक पत्रकारिता और लेखन से जुड़े लोगों के लिए एक अत्यावश्यक संदर्भग्रंथ सिद्ध होगी।-संजय स्वतंत्रमुख्य उपसंपादक, जनसत्ता,इंडियन एक्सप्रेस सगृह