Bhor Hone Se Pahale(Hardcover, Mithileshwar) | Zipri.in
Bhor Hone Se Pahale(Hardcover, Mithileshwar)

Bhor Hone Se Pahale(Hardcover, Mithileshwar)

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मिथिलेश्वर - जन्म: 31 दिसम्बर, 1950, बैसाडीह, भोजपुर (बिहार)।शिक्षा: हिन्दी साहित्य में एम.ए. एवं पीएच.डी.।प्रमुख कृतियाँ: 'बाबूजी', 'बन्द रास्तों के बीच', 'दूसरा महाभारत', 'मेघना का निर्णय', 'तिरिया जनम', 'हरिहर काका', 'एक में अनेक', 'एक थे प्रो. बी. लाल', 'भोर होने से पहले', 'चल ख़ुसरो घर आपने', 'जमुनी' (कहानी-संग्रह); 'झुनिया', 'युद्धस्थल', 'प्रेम न बाड़ी ऊपजै', 'यह अन्त नहीं', 'सुरंग में सुबह', 'माटी कहे कुम्हार से' (उपन्यास); 'साहित्य की सामाजिकता' (आलोचना), 'मेरी पहली रचना', 'भोजपुरी लोककथाएँ' (संकलन); 'उस रात की बात', 'गाँव के लोग', 'एक था पंकज' (बाल साहित्य) आदि।सम्पादन : 'मित्र' (साहित्यिक पत्रिका)। पुरस्कार सम्मान : 'अखिल भारतीय मुक्तिबोध पुरस्कार' (1976), 'सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार' (1979), 'यशपाल पुरस्कार' (1981-82), 'अमृत पुरस्कार' (1983), 'साहित्य मार्तंड पुरस्कार' (1994), 'अखिल भारतीय वीर सिंह पुरस्कार' (2003-05) सहित देश की अन्यान्य संस्थाओं से पुरस्कृत और सम्मानित।