Brahmaputra Kamdev Ki Wapsi(Hindi, Paperback, Tarun Engineer) | Zipri.in
Brahmaputra Kamdev Ki Wapsi(Hindi, Paperback, Tarun Engineer)

Brahmaputra Kamdev Ki Wapsi(Hindi, Paperback, Tarun Engineer)

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ब्रह्माजी सृष्टि के रचियता, विष्णु सृष्टि के पालनहार और शिव संहारक हैं। ये तीनों ईश्वर हैं। इंद्र, अग्नि, वरुण, वायु, अश्विनी, यम और कुबेर देवता हैं। ब्रह्माजी की जब तपस्या खत्म हो गई, तब वे हिमालय से वापस आए और अपने सिंहासन पर विराजमान हो गए। सारे मानस पुत्रा निकट आ गए। पहले ब्रह्माजी ने अपने हृदय से संध्या को उत्पन्न किया, फिर अपने मन से एक सुंदर-बलिष्ठ और आकर्षक युवक को उत्पन्न किया। जिसे ब्रह्माजी ने नाम दिया कामदेव। क्योंकि उस युवक का रंग सोने जैसा था, बाल घुंघराले थे, लंबी तीखी नाक थी, पतले होंठ थे, गोल चेहरा था, आँखों का रंग भूरा था। पीछे उसके पंख लगे थे, कंधे पर धनुष लटका हुआ था। युवक ने हाथ जोड़कर ब्रह्माजी से पूछा, ‘‘मेरे लिए क्या आदेश है पिताश्री-? मेरे योग्य सेवा बताइए ?’’ ‘‘तुम कामदेव हो।’’ ब्रह्माजी ने कहा, ‘‘मैंने तुम्हारा निर्माण इस सृष्टि को चलाने के लिए किया है। क्योंकि सृष्टि का विकास रुका हुआ है। देखो घूमती हुई पृथ्वी? ये जंगल हैं, ये पहाड़ हैं, ये पर्वत हैं, ये नदियाँ हैं, ये समुद्र हैं और जो छोटे-छोटे जमीन पर चलते-फिरते दिखाई दे रहे हैं, वे कुछ पुरुष हैं और कुछ स्त्रिायाँ। लेकिन कोई किसी को नहीं देख रहा है। सब दिशाहीन से होकर इधर-उधर घूम रहे हैं।’’ ‘‘मुझे क्या करना होगा पिताश्री-?’’ कामदेव ने जिज्ञासा व्यक्त की। ब्रह्माजी ने कहा, ‘‘तुम्हें मेरी बनाई इस सृष्टि में जीव-जन्तु, पक्षी-जानवर और समस्त प्राणियों के मन में प्रेम उत्पन्न करना होगा, सेक्स का भाव जगाना होगा और उन्हें सम्भोग करने के लिए प्रेरित करना होगा?’’ लेकिन क्या कामदेव अपने कार्य में सफल हुआ? जानने के लिए पढ़ें ..... तरुण इन्जीनियर’ की तिलस्मी माइथोलाजी..... विश्व की पहली पुस्तक, जो आपको सृष्टि के विस्तार के बारे में बताएगी और समझाएगी कि आपकी उत्पति क्यों हुई है? और किस उद्देश्य के लिए हुई है-?