Khazane Ki Shodhyatra(Paperback, Prashant Pole) | Zipri.in
Khazane Ki Shodhyatra(Paperback, Prashant Pole)

Khazane Ki Shodhyatra(Paperback, Prashant Pole)

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लगभग आठ सौ/नौ सौ वर्ष पहले तक अपना भारत विश्व का सबसे समृद्ध, संपन्न और ज्ञानवान देश था। विश्व का एक-तिहाई से ज्यादा जी.डी.पी. भारत का था।यह सब करते हुए हमने अनेक नए-नए शोध किए। नए धातु, नई प्रक्रिया, नई तकनीकी ढूँढ़ निकाली। मानवीय सोच को विस्मित करने वाले अनेक मंदिर, महल, राजप्रासाद खड़े किए। समरस समाज के लिए परिपक्व न्याय प्रणाली समवेत, अनेक प्रगल्भ और उन्नत व्यवस्थाओं का निर्माण किया। गणित में महारत हासिल की। शरीर और मन को स्वस्थ रखने वाले उत्तम-उत्तम खेल ढूँढ़ निकाले। व्यापार के क्षेत्र में आकाश की ऊँचाइयों को छुआ। विश्व के अनेक देशों में हमारे जहाज गए... ऐसा बहुत कुछ।'खजाने की शोधयात्रा' में इन अनछुई बातों को आपके सामने लाया है, इस लोकप्रिय पुस्तक 'भारतीय ज्ञान का खजाना' के लेखक प्रशांत पोळ ने, अत्यंत रोचक शैली में !