Likhni Hai Nayi Kahani (Hindi) by Acharya Prashant(Paperback, Acharya Prashant)
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जीवनपर्यंत मन किसी नए की तलाश में रहता है। उस तलाश को वो अक्सर ही किसी नए अनुभव, घर, गाड़ी इत्यादि से पूरी करने की अभिलाषा करता है।नए की तलाश मन को अक्सर ही एक आशा में बाँध देती है कि यदि बाहर की स्थितियाँ बदल जाएँ तो भीतर की बेचैनी भी मिट जाएगी।आचार्य प्रशांत छात्रों के साथ हुए संवादों के माध्यम से समझाते हैं कि मन की बेचैनी और ऊब बाहरी बदलावों से नहीं बल्कि भीतर से आत्मस्थ होकर जाती हैं।आत्मस्थ होना ही एक नए जीवन,एक नई कहानी की नींव है। Throughout life, the mind is in search of something new. He often wishes to complete that quest with a new experience, home, car, etc. The search for new often binds the mind in the hope that if the external conditions change, the inner discomfort will also disappear. Acharya Prashant explains in his dialogues with students that the restlessness and boredom of the mind do not go away through external changes but can only be conquered by becoming self-sufficient from within.