Raj Kapoor (Hindi Translation of Raj Kapoor the Master at Work)(Hindi, Hardcover, Rawail Rahul)
Quick Overview
Product Price Comparison
अगर सिनेमा नहीं होता, तो मेरा अस्तित्व भी नहीं होता।' इस जोशीले, विचारशील संस्मरण में अनुभवी फिल्मकार राहुल रवेल पाठकों को आर.के. स्टूडियो में बिताए गए अपने दिनों में वापस ले जाते हैं, जहाँ उन्होंने खुद मास्टर राज कपूर से फिल्म निर्माण की बारीकियाँ सीखी थीं। राहुल रवेल वहाँ की ढेरों कहानियाँ ही नहीं, बल्कि दिग्गज फिल्म निर्माता द्वारा फिल्म निर्माण में अपनाई जानेवाली अनेक तकनीकों के बारे में विस्तार से बताते हैं, बल्कि राज कपूर के विलक्षण व्यक्तित्व के अब तक के अज्ञात पहलू, जिसमें उनका विचित्र सेंस ऑफ ट्यूमर, उनकी अंतर्दृष्टि, अपनी टीम के साथ उनके रिश्ते और तीन पीढ़ियों के कलाकारों के साथ उनका जुड़ाव--सब कुछ शामिल है।प्रस्तुत पुस्तक इस बात की भी पड़ताल करती है कि कैसे राज कपूर के संरक्षण में राहुल रवेल ने जो सबक सीखे, उनका प्रयोग उन्होंने 'लव स्टोरी, ' अर्जुन ' और 'डकैत' जैसी अपनी हिट फिल्मों के निर्माण के लिए किया।यह पुस्तक राज कपूर की मानवीय भावनाओं, संगीत के गुणों और कहानी कहने की कला की उनकी समझ के साथ उनके असाधारण फिल्म निर्माता बनने के बारे में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। इसके पन्नों में पाठक सिनेमा को जीने और उसमें साँस लेनेवाले एक शिक्षक, संरक्षक, माता-पिता और गुरु के रूप में उनको भूमिकाओं को बखूबी देख पाएगे।